Theth Kumaoni Taste of Rajama Chawal

हल्द्वानी में मोहन दा के ठेठ पहाड़ी राजमा चावल

Theth Kumaoni Taste of Rajama Chawal
Theth Kumaoni Taste of Rajama Chawal

स्वाद का कोई मोल नहीं कभी तो बड़े बड़े होटलों में भी नहीं मिल पाता लेकिन कभी कभी ऐसी जगहों पर मिल जाता हैं जन्हा उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं| ऐसा ही एक छोटा सा होटल हैं हल्द्वानी में जो गजब के राजमा चावल, कढ़ी चावल व छोले चावल बनाता हैं| उसे खाकर ठेठ पहाड़ी स्वाद की याद आ जाती है|

हल्द्वानी के पैठ पड़ाव (मंगल पड़ाव) में मुख्य नैनीताल रोड समीप सिन्धी चौराहे पर मोहन दा की सुमा रेस्टोरेंट के नाम से छोटी सी दूकान हैं जो कई बार गुजरने के बाद भी नज़र नहीं आती लेकिन एक दिन गुजरते हुए जब मुझे वंहा खाने की खुशबु सी आई तो मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और उस खुशबु के उद्गम को ढून्डने लगा तो पाया की यह खुशबु पंकज माल के बगल से आ रही हैं|

पेट भरा होने के बाद भी कुछ कुलबुलाहट सी होने लगी क्योकि चटोरा जो ठहरा उस समय राजमा पक रही थी और बता नहीं सकता की उस समय राजमा पकने की जो महक आ रही थी उसने मुझे पूरी तरह से मदहोश सा कर दिया था और उस महक को आत्मसात करने के लिए आधी प्लेट राजमा चावल की फरमाइश कर दी|

Theth Pahadi taste of Rajma Chawal at Haldwani

जब राजमा प्लेट में आई तो उसे देखकर तो मज़ा ही आ गया| प्लेट को बहुत ही साधारण तरीके से परोसा गया था उसपर खट्टी पुदीने धनिये की चटनी व प्याज| चावल की गुणवत्ता भी शानदार थी और राजमा की सुगंध लहसुन के साथ माहोल को और भुक्खड़ बना रही थी| हमने अपने बैग को तुरंत साइड में फैका तो टूट पड़ा उस प्लेट पर| पहली बार तो मुह में जाते ही स्वाद का वो असीम आनंद आया जो बरसो पहले कंही खो गया था| हर एक चीज़ बहुत ही शानदार थी चाहे चावल हो, चाहे राजमा हो या  चटनी|

Harish Nagarkoti Haldwani

दिल्ली में मैंने हर कंही खाना खाया चाहे 5 सितारा होटल हो या चांदनी चौक की तंग गलिया लेकिन जो स्वाद मोहन दा के खाने का था वो कंही नहीं मिला| उनके तकड़े में जो मजा हैं वो बेमिसाल हैं व उसकी तुलना किसी और से हो भी नहीं सकती हैं| आज दोपहर में आकर मैंने मोहन दा की कढ़ी व चनो का भी स्वाद लिए सब एक से बढ़कर एक थे| अगर हम पैसे की बात करे तो मोहन दा बहुत ही कम पैसा लेते हैं अपने बनाये खाने का| उनका यह मानना हैं की किसी की भूख को तृप्त कर पाऊ और शाम को मुझे और मेरे परिवार को दो रोटी मिल जाए इस्से ज्यादा उन्हें और कुछ और नहीं चाहिए|

स्थान थोड़ी छोटा हैं लेकिन स्वाद के चाहने वालो के लिए यह जन्नत से कम नहीं|