Railway reservation counter.

रेलवे बिना सीट दिए इस वर्ष 2400 करोड़ कमाएगा

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इसे मांग व पूर्ती का असुंतलन ही कहेंगे जिसके कारण भारतीय रेल बिना सीट व सुविधा दिए लोगो से वर्ष 2019-20 में लगभग 2400 करोड़ से ज्यादा कमाएगी| क्योकि अप्रेल व जून के बीच में भारतीय रेल को 604 करोड़ की आय सिर्फ टिकटों के रद्दीकरण से हुई हैं|

जनपक्ष इंडिया ने भारतीय रेल के मुख्य कार्यालय दिल्ली में अनुरोध सूचना के अधिकार के तहत माँगा था की रेलवे ने पिछले पांच सालो में टिकट के रद्दीकरण के कितने की आय अर्जित की| हमें जो जवाब भारतीय रेल के प्रधान कार्यालय से आया वो बहुत ही चोकाने वाला था क्योकि सिर्फ और सिर्फ रद्दीकरण ही रेलवे को वर्ष 2018-19 में 2065 करोड़ की आय हुई हैं जो की पिछले वर्ष हुई आय से लगभग 800 करोड़ रूपये ज्यादा था यानी की 70% प्रतिशत ज्यादा हैं|

भारतीय रेल से प्राप्त जानकारी दे अनुसार वर्ष 2014 -15 में भारतीय रेल को 986.58 करोड़ की आय आरक्षण रद्दीकरण के कारण हुई और वही वर्ष वर्ष 2015 -16 में रेलवे की आय 20% बढ़कर 1147.77 करोड़ रुपया हो गयी और वही रद्दीकरण से आय में वर्ष 2016 -17 में मामूली सी बढ़त दर्ज की गयी जो की 1166.30 करोड़ हो गयी व वर्ष 2017 -18 में उसी अनुपात में आय बढ़कर 1205.96 करोड़ रुपया हो गयी|

वर्ष 2018 -19 भारतीय रेल का स्वर्णिम समय कहा जाय तो अतिशियोक्ति नहीं होगा क्योकि इस वित्तीय वर्ष के दौरान रेलवे ने रद्दीकरण की आय में 70% वृद्धि के साथ 2065.01 करोड़ रूपये की आय की जबकि रेलवे ने इस दोरान ना तो रेल बढाई और ना ही सुविधाए फिर भी रद्दीकरण से रेलवे की आय का बढ़ जाना यह दर्शाता हैं की रेलवे ने आपकी आशाओं का भुनाना शुरू कर दिया हैं क्योकि रेलवे को पता हैं की अगर विश्व में सबसे आशावादी हैं कोई हैं तो वो भारतीय हैं|

RTI Reply of Indian Railway.

इस वर्ष जून माह तक रेलवे ने अभी तक 604 करोड़ रूपये की आय कर ली हैं और अगर ऐसी ही रफ़्तार रही तो मार्च 2020 तक रेलवे आपकी आशाओ का दोहन करके 2400 करोड़ रुपया कम लेगा| यह वो रुपया हैं जो रेलवे को सिर्फ रद्दीकरण से प्राप्त हुआ हैं इसमें अभी वो आय शामिल नहीं की गयी हैं जो IRCTC के रद्दीकरण से भारतीय रेल को हुई होगी|