Kartik Upadhyay | Trivendra Singh Rawat

रावत राज में व्यवस्था धड़ाम: UKD

Kartik Upadhyay | Trivendra Singh Rawat
Kartik Upadhyay | Trivendra Singh Rawat

उत्तराखंड क्रांति दल के नैनीताल प्रवक्ता कार्तिक उपाध्याय ने कहा हैं वर्तमान में राज्य की स्थिति बेहद दयनीय हैं और सीधे सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे इस्तीफे की मांग करी हैं।

उपाध्याय का कहना हैं कि उत्तराखंड वासियों का दुर्भाग्य हैं कि 19 वर्षो बाद भी उनके लिए स्वास्थ्य सुरक्षा शिक्षा कुछ भी बेहतर नहीं हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो आज सरकारी अस्पतालों की स्थिति देख शर्म सी आती हैं गंभीर बीमारियों का इलाज आज किसी भी सरकारी अस्पतालों में नही और अब सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण में लगी हुई हैं यह सरकार और स्वयं स्वास्थ्य विभाग सँभाले सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का विफल होना बताता हैं आज जमीनी हकीकत को देखते हुए एवं संघ के संस्कारों के आधार (जो बताते हैं सत्ता मतलब जनसेवा )पर नैतिकता का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्रालय से इस्तीफ़ा दें।

वहीं शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा हैं आज सभी सरकारी स्कूलों से अधिक विद्यार्थी प्राइवेट विद्यालय में जाने को मजबूर हैं क्योंकि सरकार का ध्यान स्कूलों में हैं ही नही और हर माँ बाप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा किसी भी हाल में देना चाहते हैं।

युवा परेशान हैं राज्य में नौकरी नही हैं जबकि हर विभाग में हज़ार से ज्यादा पद रिक्त हैं बात करें नर्स की तो किसी भी सरकारी अस्पताल को देखो सुप्रीम कोर्ट के मानकों के अनुसार कही भी नर्सो की संख्या पूरी नहीं और सरकार ने नर्सिंग के कोर्स करवाकर हज़ारो युवक युवतियों को बेरोजगार कर रखा हैं अब वह करें तो क्या करें।

बात सुरक्षा की करी जाएं तो अपराधियों को तो संरक्षण मिल जाता हैं जबकि राज्य में गाँवो में खुलेआम चोरियां होना ,पहाड़ो पर बलात्कारियों के हौसले लगातार बढ़ना अब आम हो गया हैं या ये कहें सरकार की विफल नीतियों के कारण अब देवो की भूमि में दानवों का बोलबाला बड़ गया हैं।

बात राज्य के राजस्व की करी जाएं तो पता चलता हैं पिछले दो वर्षों में त्रिवेंद्र सरकार ने 12960 करोड़ का कर्ज और ले लिया हैं जिसके बाद 2400 करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज का बोझ सर पर हैं सरकार राजस्व जुटाने में भी फेल हैं क्योंकि सरकार खनन ,शराब,जंगल माफियाओं के साथ भर्ष्टाचार में लिप्त हैं और उन माफियाओं के एहसान तले दबी हुई हैं।

उपाध्याय ने युवा उक्रांद सहित सभी युवाओं से अपील भी करी हैं कि अब और अत्याचार सहना बन्द करें और सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाएँ अपना और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित करें कर्ज तले चलते चलते राज्य कब दिवालिया ही जाएँ कुछ नही पता।

आज स्थानीय संगठन को मजबूत बनाना अब राज्य बचाने का अंतिम विकल्प हैं और सभी राज्य प्रेमियों से निवेदन हैं कि राज्य बचाने और आगे की पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्थानीय संगठन से जुड़े।

वही युवा उक्रांद साथियों से निवेदन किया हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के इतिहास और नीतियों को देखते हुए सत्ता पर कैसे पहुँचा जाएँ इस पर विचार करें। उपाध्याय ने सभी मीडिया बंधुओं से भी अपील करी की वह भी उत्तराखंड की विरासतों को बचाने में मदद करें।।