Exclusive agreement between Yama & TS Rawat

यम, रावत का उत्तराखंड में एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट

Exclusive agreement between Yama & TS Rawat
Exclusive agreement between Yama & TS Rawat

उत्तराखंड में चिकित्सा व संसाधनों के अभावो में होने वाली मौतों के पीछे का सच अब धीरे धीरे सामने आने लगा हैं| उत्तराखंडी डंगरियो (सूत्रों) से ज्ञात हुआ हैं की यमलोक का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ एक बेहद ही विचित्र व अनोखी संधि हुई हैं जिसमे यमपुरी में कभी भी यमदूत खाली नहीं रहेंगे और यम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की साख पर कभी आंच नहीं आने देंगे|

यह व्यवस्था पर कटाक्ष हैं लेकिन उत्तराखंड में हो रही मौतों को देखकर यही लगता हैं क्योकि सरकारी तंत्र पूरी तरह से बिखर चूका हैं और व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी हैं| पूरे उत्तराखंड में चिकित्सको का अभाव, दवाइयों का टोटा व निरंकुश अफसरशाही ने उत्तराखंड की स्वास्थ व्यवस्था को यमलोक का द्वार बना दिया हैं| आप अन्य राज्यों के बनस्पित यंहा से अविलम्ब यमपुरी जा सकते हैं|

9 अगस्त को 72 वर्षीय चम्पावत निवासी श्री मुलीधर पुनेठा को चम्पावत जिला चिकित्सालय ने चिकित्सा सुविधा के अभाव में इन्हें राज्य के 108 वाहन से उच्च चिकित्सालय में भेजा जन्हा रास्ते में अमोड़ी नामक स्थान पर श्री मुलीधर पुनेठा की ओक्सिजन ख़त्म होने के कारण मौत हो गयी|

राज्य सरकार ने इस हत्या को प्राकृतिक मौत में साबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी और अस्पतालों को निर्देश दिया गया की इसे प्राकृतिक रूप से हुई मौत घोषित किया जाए वो तो भला हो की लोगो ने चिकित्सको की विडियो रिकॉर्डिंग की हुई थी जिसमे साफ़ साफ़ कहा गया था की यह मौत ओक्सिजन के ख़त्म होने के कारण हुई हैं|

दूसरा वाक्या 10 अगस्त को बेंड बाज़ार निवासी सुमन पत्नी श्री राजेंद्र सिंह उम्र 24 के साथ हुआ उनकी  तबियत अचानक खराब हो जाती हैं| परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में ले जाते हैं लेकिन उपकरणों व् चिकित्सको के अभाव में सुमन का रक्तस्त्राव बंद नहीं हो पाया व उसकी हालत गंभीर होते चली गयी तो उसे बागेश्वर जिला चिकित्सालय के लिए भेज दिया| इलाज के दौरान सुमन की अत्यधिक खून बहने से मौत हो जाती हैं|

9 अगस्त को टिहरी जिले में लंबगांव के पास कनसाली में मंगलवार सुबह एक स्कूली वाहन के खड्ड में गिरने से उसमें सवार नौ बच्चों की मौत हो गयी जबकि नौ अन्य घायल हो गये. पुलिस के अनुसार, दुर्घटना सुबह साढे सात बजे के करीब हुई. क्षेत्र के एक निजी स्कूल में पढने वाले 18-22 बच्चों को लेकर जा रही टाटा सूमो अचानक अनियंत्रित होकर खड्ड में जा गिरी.

समय पर सूचना मिलने के बाद भी 108 डेढ़ घंटे बाद पहुची जिसके कारण लोगो में सरकार के प्रति बहुत गुस्सा था क्योकि कई नौनिहालों ने दुर्घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया| अगर यही 108 अगर समय पर पहुच जाती तो मौत का आकडा और कम होता|

सिर्फ इतना ही नहीं उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार की ब्लैक लिस्टेड पोद्दार फार्मसुतिकल प्राइवेट लिमिटेड को दवाई का ठेका दे दिया| जबकि नियम यह हैं की कोई भी कंपनी अगर किसी राज्य में ब्लैक लिस्टेड हैं उसे राज्य सरकार भी ब्लैक लिस्टेड मानेगी पर उत्तराखंड सरकार ने सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर उक्त कंपनी को राज्य में दवाइयों का ठेका दिया| पोद्दार फार्मसुतिकल्स को कर्नाटक सरकार ने ब्लैक लिस्टेड किया हुआ हैं जिसका क्रमांक KDL/QC/09/201 8-19 Dt.: 22.11.2018.  

यही नहीं इसी कंपनी को राजस्थान ने कर्णाटक में ब्लैक लिस्ट होने के कारण 24-04-2019 को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण माँगा हैं| लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी उत्तराखंड सरकार ने बिना किसी जांच के पोद्दार फार्मसुतिकल्स को राज्य में ठेका दे दिया|

बाते बहुत सी हैं त्रिवेन्द्र सिंह रावत राज्य की हालत को सुधारने की बजाय वित्तीय स्थिति बिगाड़ने में लगे हुए है| उनके पास चिकित्सा विभाग के लिए फण्ड व् समय नहीं हैं लेकिन माननीयो के वेतन, विलासिता युक्त वाहन, दिल्ली में 5 सितारा होटलों रहने का खर्चा हो उन, सबके लिए उनके पास पैसा हैं लेकिन आम जनता जिनसे वो हाथ जोड़कर बोलकर आये थी की हम राज्य को बुलंदियों पर ले जायेंगे उनको धोखा देकर कर्ज की नयी बुलंदियों को छू रहे हैं|