सर्व विदित था की अमूल के दूध के दाम बढाने के बाद अन्य कंपनिया भी दूध के दाम बढ़ाएंगी| आज मदर डेयरी ने भी अपने दूध की कीमतों में इजाफा कर दिया है। शनिवार से मदर डेयरी का दूध 1 रुपये प्रति पैकेट की दर से महंगा हो जाएगा। कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नई दरें शनिवार, 25 मई से लागू होंगी।
मदर डेयरी के 1 लीटर पैक की कीमत में 1 रुपये जबकि आधा लीटर के पैक में 2 रुपये प्रति लीटर के दाम दाम बढाए गए है। यानी 1 लीटर के पैकेट के लिए ग्राहकों को 1 रुपये ज्यादा देना होगा और आधा आधा लीटर के दो पेकेटो के लिए 2 रूपये। हालांकि, मदर डेयरी पर मिलने वाले टोकन मिल्क यानी बल्क वेंडेड मिल्क (बीवीएम) के दाम कंपनी ने नहीं बढ़ाए हैं। यह पहले की तरह ही 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिलता रहेगा।
बात करें फुल क्रीम मिल्क की तो अब यह दूध 52 रुपये की जगह 53 रुपये प्रति लीटर की दर पर मिलेगा। वहीं आधा लीटर दूध के पैकेट के लिए 27 रुपये चुकाने होंगे। फुल क्रीम प्रीमियम मिल्क के 1 लीटर पैकट के लिए 55 रुपये जबकि आधा लीटर पैकेट के लिए 28 रुपये चुकाने होंगे। टोन्ड दूध के लिए मदर डेयरी ग्राहकों को अब 1 लीटर के लिए 42 रुपये जबकि आधा लीटर पैकेट के लिए 22 रुपये देने होंगे। वहीं डबल टोन्ड के 1 लीटर पैकेट के लिए 35 रुपये और आधा लीटर पैकेट के लिए 19 रुपये देने होंगे। स्किम्ड मिल्क यानी डाइट्ज मिल्क के आधा लीटर पैकेट के लिए 21 रुपये देने होंगे। बात करें गाय के दूध की तो 1 लीटर के पैकेट की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 42 रुपये में मिलता रहेगा जबकि आधा लीटर पैक की कीमत 21 रुपये की जगह बढ़ाकर 22 रुपये कर दी गई है।
कीमतों में इजाफे को लेकर मदर डेयरी का कहना है कि पिछले 3-4 महीनों से चारे की कीमतें 15-20 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। इसके अलावा, दैनिक मजदूरी में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में उत्पादकों को 7-8 प्रतिशत ज्यादा कीमतें चुकाई जा रहीं थीं, लेकिन ग्राहकों के लिए दाम नहीं बढ़ाए गए थे। आपको बता दें कि मदर डेयरी ने पिछली बार दिल्ली-एनसीआर में दूध की कीमतों में इजाफा मार्च, 2017 में किया था।
गौर करने वाली बात है कि अमूल ने भी हाल ही में अपने दूध के दाम 2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाए थे। सहकारी संस्था गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने कहा था, ‘दूध के दाम में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि दो साल बाद की गई है। इसका मकसद अपने दूध उत्पादकों को ज्यादा कीमत देने का है ताकि दूध उत्पादन में कमी और लागत में वृद्धि की भरपाई हो सके।’