SSP Noida

नोयडा में पुलिस, अपराधियों मिलकर चलाते थे हनी ट्रैप

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नोएडा के सेक्टर-44 चौकी प्रभारी सुनील शर्मा के साथ हनी ट्रैप का धंधा चलाने वाले फरीदाबाद निवासी मास्टरमाइंड अंकित का पुलिस के साथ पुराना नाता है। अंकित ने इस काले कारोबार से फरीदाबाद में करोड़ों रुपये की कमाई की, लेकिन आईपीएल के सट्टे की ऐसी लत लगी कि करोड़ों रुपये उसमें उड़ा दिए। यहां तक कि उसका घर भी सट्टे के कर्ज में बिक गया। वह बेघर हो गया और अपनी पत्नी के साथ नोएडा का रुख कर लिया।

इसी दौरान चौकी प्रभारी सुनील शर्मा के संपर्क में आया। सुनील उस वक्त नोएडा के विश टाउन का चौकी प्रभारी था। सुनील की शह पर खर्चे चलाने के लिए अंकित ने जेपी अस्पताल के सामने नारियल पानी की दुकान खोल ली। इससे उसकी रोजमर्रा की कमाई होने लगी। कुछ दिन बाद जब सुनील की तैनाती सेक्टर-44 में हुई तो हनी ट्रैप का धंधा अंकित ने चौकी प्रभारी के साथ मिलकर शुरू कर दिया। इस दौरान लाखों रुपये की कमाई की। अंकित ही पूरे नेटवर्क के लोगों को जिम्मेदारी देता था। वहीं, इस मामले में फरार एक महिला आरोपी की तलाश पुलिस कर रही है। महिला भी इस गिरोह में सक्रिय थी और पुलिस ने उसके ठिकानों पर दबिश दी है।

मामले में एक और पीड़ित पुलिस के पास पहुंचा है। आरोपियों ने उनसे पांच लाख रुपये लिए थे। इस मामले में भी कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस ने दूसरी एफआईआर दर्ज की है। पीड़ित पैन कार्ड आदि बनवाने का काम करता है। पीड़ित के मुताबिक, 12 अप्रैल को उनके पास एक महिला का फोन आया था। उसने अपना नाम विनीता बताया और पैन कार्ड के संबंध में बात की। अगले दिन वह उनके ऑफिस आ गई और तुरंत पैन कार्ड बनवाने को लेकर दबाव बनाया। इस दौरान विनीता नाराज हो गई और मारपीट करनी शुरू कर दी।

आरोप है कि 13 अप्रैल को सेक्टर-44 चौकी इंचार्ज सुनील शर्मा विनीता को लेकर उनके घर पहुंचा और महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया। इस पर सुनील शर्मा जेल भेजने की धमकी देने लगा। इससे बचाने के लिए 10 लाख रुपये मांगे। उन्होंने 10 लाख रुपसे देने से इंकार कर दिया। इसके बाद आरोपियों ने उनसे जबरदस्ती 5 लाख रुपये चौकी के अंदर ले लिए।

पूरे मामले में कुछ और भी पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। तीन महीने से यह रैकेट चल रहा था और आसपास के पुलिसकर्मियों को भनक नहीं लगी हो, यह बात गले नहीं उतर रही है। बताया जाता है कि पड़ोसी पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।

हनी ट्रैप के मामले में सेक्टर-44 की पूरी चौकी को निलंबित करके चौकी प्रभारी व तीन सिपाहियों को जेल भेज दिया गया था। इसके बाद अभी वहां किसी पुलिसकर्मी की तैनाती नहीं हुई है। थाने से ही वहां का काम संचालित हो रहा है। कोतवाली प्रभारी राजेश शर्मा ने बताया कि थाने से ही कुछ पुलिसकर्मियों को वहां के कामकाज को देखने के लिए भेजा गया है।

एसएसपी वैभव कृष्ण ने 10 जून की रात हनी ट्रैप के मामले में सेक्टर-44 पुलिस चौकी में तैनात दो सिपाहियों को पचास हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद जांच में पता चला की चौकी प्रभारी सुनील शर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ कुछ महिलाएं व पुरुष हनी ट्रैप का रैकेट चला रहे हैं। चौकी के कुछ दूर रात में महिला कार में लिफ्ट लेती थी और आगे चौकी के पास पहुंचकर दुष्कर्म की बात कहकर चिल्लाने लगती थी। इसके बाद योजना के मुताबिक पीसीआर वाले चौकी ले जाते थे और वहां कार मालिक से उगाही की जाती थी।