उत्तराखंड सहकारी बैंक

तंत्र विफल, सहकारी बेंको की भर्ति परीक्षा उत्तराखंड से बाहर

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सरकार की नीतिया कई बार लोगो के लिए परेशानियों का कारण बन जाती हैं इस बार उत्तराखंड सरकार की नीतिया लोगो के लिए सरदर्द का कारण बनी हैं क्योकि उत्तराखंड के सहकारी बैंकों में भर्ती के लिए सरकार ने परीक्षा केंद्र राज्य से बाहर बना दिए गए हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर समेत तमाम दूरदराज क्षेत्र के बच्चों को परीक्षा के लिए कोऑपरेटिव बैंक की भर्तियों के लिए दून, हरिद्वार, रुड़की, रुद्रपुर, हल्द्वानी, दिल्ली, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ,बरेली और चंडीगढ़ तक की दौड़ लगानी होगी। राज्य के सहकारी बैंकों में डीजीएम, सीनियर ब्रांच मैनेजर, जूनियर ब्रांच मैनेजर, कैशियर, लिपिक के कुल 442 पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा होनी है। इस परीक्षा के लिए केंद्र राज्य से बाहर बनाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।

युवाओं को कहना है कि जब राष्ट्रीय बैंकों की परीक्षा के लिए राज्य में ही केंद्र बनाए जाते हैं, तो राज्य के कोऑपरेटिव बैंक की भर्तियों के लिए बाहर परीक्षा केंद्र बनाने का क्या औचित्य है? उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने इस मामले में मोर्चा खोल दिया है। संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज परीक्षा केंद्रों में संशोधन की मांग की है। संघ अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि राज्य के दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं, खासकर लड़कियों को लखनऊ, दिल्ली समेत दूरदराज बनाए गए ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने में दिक्कत होगी। साथ ही किराये के रूप में भी उन पर अनावश्यक भार पड़ेगा। ऐसे में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, रुद्रपुर, हल्द्वानी में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।

सभी पदों के लिए 57 हजार आवेदन आए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र नहीं हैं। इसके चलते राज्य से बाहर भी परीक्षा केंद्र बनाने पड़े हैं। कुमाऊं मंडल के बच्चों के लिए बरेली और गढ़वाल मंडल के बच्चों को मेरठ, चंडीगढ़, दिल्ली में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

दान सिंह रावत, अध्यक्ष ने बाहरी राज्यों में परीक्षा केंद्र बनाने पर लोगों में नाराजगी की बात को स्वीकारा हैं, उन्होंने कहा की यह फैसला हमारे स्तर नहीं बल्कि विभाग व रजिस्ट्रार के स्तर से लिया गया है।

इसे देखकर लो लगता हैं की राज्य सरकारे केवल और केवल समय बिता रही है क्योकि आज लोगो को उसकी वस्तुस्थिति दिखाई दे रही है जो लोगो को ऑनलाइन टेस्ट के लिए राज्य से बाहर भेजा जा रहा है| यदि त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार अगर छोटी छोटी बातो पर ध्यान देती तो लोगो के लिए रोजगार का सृजन भी होता और लोगो को राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ता|