विश्व स्तरीय इलाज होने के होने के बाद भी मंत्रियो ने खर्चे लाखो

विश्व स्तरीय इलाज होने के होने के बाद भी मंत्रियो ने खर्चे लाखो

विश्व स्तरीय इलाज होने के होने के बाद भी मंत्रियो ने खर्चे लाखो
विश्व स्तरीय इलाज होने के होने के बाद भी मंत्रियो ने खर्चे लाखो

पिछले 4 सालों के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों के इलाज पर सरकारी खजाने से 35 लाख रुपये से ज्यादा की रकम खर्च हुई है। बीजेपी ने एक आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के हवाले से यह खुलासा किया है।

इसमें से करीब 25 लाख रुपये अकेले सीएम और डेप्युप्टी सीएम व उनके परिजनों के इलाज पर खर्च किए गए हैं। बीजेपी ने इस जानकारी के हवाले से पूछा है कि जब सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में तमाम सुविधाएं देने का दावा करते हैं और मोहल्ला क्लिनिकों की तारीफ करते नहीं थकते, तो फिर उन्होंने और उनके मंत्रियों ने अपना या अपने परिजनों का इलाज महंगे प्राइवेट अस्पतालों में क्यों कराया।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बताया कि आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक केजरीवाल के इलाज पर सरकारी खजाने से कुल 12,18,027 रुपये खर्च किए गए। मनीष सिसोदिया ने 4 साल में 35 बार इलाज कराया, जिस पर कुल 13,25,329 रुपये खर्च हुए। इसमें डेप्युटी सीएम के खुद के इलाज का एक भी खर्च नहीं है। यह सारा खर्च उनके फैमिली मेंबर्स के इलाज पर किया गया।

मंत्री गोपाल राय और उनके परिजनों के इलाज पर 7,22,558 रुपये खर्च हुए, जबकि इमरान हुसैन और उनके परिजनों के इलाज पर 2,46,748 रुपये खर्च हुए। मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके परिजनों के इलाज पर सबसे कम 60,293 रुपये खर्च हुए, जबकि कैलाश गहलोत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि किसी को भी, कभी भी, कोई भी बीमारी हो सकती है और हर कोई अच्छे से अच्छा इलाज कराना चाहता है।

बीजेपी इसके खिलाफ नहीं है। तिवारी ने कहा है कि सीएम इस बात का जवाब दें कि उन्होंने और उनके मंत्रियों ने किस बीमारी के लिए और कहां पर अपना इलाज कराया और उन्हें ऐसी क्या बीमारी हुई थी, जिसका इलाज दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में करना संभव नहीं हो पाया?

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