malware hacked several android phones

लाखो एंड्राइड फ़ोन खतरे में, करे यह उपाय

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अगर आप ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन यूज करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। हाल ही में एक रिसर्च में टेक एक्सपर्ट्स ने पाया है कि लाखों ऐंड्रॉयड डिवाइस प्री-लोडेड मैलवेयर के साथ आ रहे हैं। ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए डिवाइस पर मैलवेयर अटैक की खबरें नई नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप्स द्वारा फोन को मैलवेयर से इंफेक्ट करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐंड्रॉयड पर होने वाले मैलवेयर अटैक इसलिए चिंता का कारण हैं क्योंकि हर महीने ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले डिवाइसेज को दुनियाभर में 2 अरब से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं।

कुछ दिन पहले भी ऐंड्रॉयड डिवाइस के लिए एक और बड़ा खतरा सामने आया था। इसमें गूगल प्ले स्टोर के 50 मैलवेयर ऐप्स से 3 करोड़ ऐंड्रॉयड डिवाइस के इंफेक्ट होने की बात कही गई थी। डिवाइसेज के मैलवेयर से इंफेक्ट होने की चर्चा अभी शांत नहीं हुई थी कि रिसर्चर्स ने बार फिर से ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए वॉर्निंग जारी कर दी है।

ताजा मामले में कहा गया है कि दुनिया में इस वक्त गूगल मोबाइल ओएस ऐंड्रॉयड पर काम करने वाले लाखों डिवाइस में एक मलीशस सॉफ्टवेयर पाया गया है। गूगल प्रॉजेक्ट जीरो के सिक्यॉरिटी रिसर्चर मैडी स्टोन ने बताया कि यह प्री-इंस्टॉल्ड मैलवेयर करीब 75 लाख ऐंड्रॉयड डिवाइस पर डिटेक्ट किया गया है। यह मैलवेयर ऐंड्रॉयड डिवाइस को हैक कर बैकग्राउंड में ऐप्स को डाउनलोड करने के साथ ही विज्ञापनों से जुड़े फर्जीवाड़े भी कर सकता है।

स्टोन ने कहा कि यह मैलवेयर ज्यादातर बजट स्मार्टफोन्स पर पाया गया है जो थर्ड पार्टी ऐप्स और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। ऐप्स और सॉफ्टवेयर को डिवेलप करने वाले हैकर यूजर्स को सही सर्विस देने का झांसा देकर उनके डिवाइस में मैलवेयर पहुंचाने का काम करते हैं। स्टोन ने यह सारी जानकारी हाल ही में लास वेगस में हुए ब्लैक हैट साइबर सिक्यॉरिटी कॉन्फ्रेंस में दी। स्टोन ने आगे कहा कि उन्होंने ऐसे कई मामलों की पड़ताल करने पर पाया कि ये प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स लाखों डिवाइस को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही यह ऐंड्रॉयड यूजर पर नजर रखने के लिए गूगल प्ले प्रटेक्ट सर्विस को भी बंद कर देते हैं।

इससे बचने के उपायों के बारे में पूछे जाने पर स्टोन ने कहा कि इन अटैक्स को रोकना काफी मुश्किल है। हालांकि, यूजर्स अलर्ट रहकर इन अटैक्स से काफी हद तक खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूर है कि यूजर अपने डिवाइस में एक अच्छा ऐंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके रखें। इसके अलावा डिवाइस पर ऐंड्रॉयड के लेटेस्ट अपडेट्स को इंस्टॉल कर ऐसे मलीशस सॉफ्टवेयर से बचा जा सकता है।

अपने फ़ोन और डाटा को सुरक्षित रखने के लिए आप गूगल प्ले में जाकर कोई भी एंटीवायरस का चुनाव कर सकते हैं बेहतर होगा की आप ख्याति प्राप्त किसी भी कंपनी का एंटीवायरस ही ले वर्ना फ्री सॉफ्टवेर आपके फ़ोन को धीमा कर देंगे क्योकि वो बार बार आपको विज्ञापन दिखाएँगे व बार बार आपको वायरस होने का भ्रम डालकर पेड वर्जन को खरीदने के लिए प्रेरित करेंगे|