Mother Dairy reduces tond milk price.

मदर डेरी ने दूध 4 रूपये सस्ता किया

Mother Dairy reduces tond milk price.
Mother Dairy reduces tond milk price.

प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की दिशा में मदर डेयरी पहले से ही अहम पहल कर रही है. मदर डेरी पैकेज्ड मिल्क की तुलना में टोकन मिल्क को सस्ता बेचती है. यही कारण है कि डेयरी के क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए मदर डेयरी पैकेज्ड दूध की तुलना में टोकन मिल्क की दरों में 4 रुपये प्रति लीटर का अंतर है. इस बड़े अंतर से उपभोक्ता टोकन मिल्क लेने की ओर प्रोत्साहित हो रहे हैं.

मदर डेरी ने अन्य दुग्ध उत्पादन संस्थाओं से भी अपील की है कि इस कदम पर वे आगे बढ़ सकते हैं. अगर अन्य दुग्ध उत्पादन संस्था इसे अपने यहां भी लागू करते हैं तो सिंगर यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल में काफी कमी आ सकती है. मदर डेरी का कहना है कि हमने प्लास्टिक के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए टोकन मिल्क में 4 रुपये की कमी कर रखी है. मदर डेरी रोजाना 900 बूथों से औसतन 6 लाख लीटर दूध डिलिवर करती है.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए सिंगल यूज प्लास्टिक से देश को मुक्त कराने की अपील की थी. साथ ही पीएम मोदी ने देशवासियों से आने वाले दो अक्टूबर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए शुरू होने वाले अभियान में शामिल होने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा कि बापू की 150वीं जयंती पर स्वच्छता का संकल्प लें और सिंगल यूज प्लास्टिक से आजादी का संकल्प लें.

बीते 15 अगस्‍त को लाल किले से पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उन्‍होंने 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के संकेत दिए थे. अब आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी ने इसके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है.

सिंगल-यूज प्लास्टिक उसे कहते हैं जिसका हम एक बार ही इस्‍तेमाल करते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में तमाम ऐसे प्‍लास्टिक के प्रोडक्‍ट हैं जिसे हम एक बार इस्‍तेमाल कर फेंक देते हैं. इसी तरह के प्‍लास्टिक को सिंगल यूज प्‍लास्टिक कहा जाता है. इसे डिस्पोजेबल प्‍लास्टिक के नाम से भी जाना जाता है. सिंगल यूज प्‍लास्टिक प्रोडक्‍ट की बात करें तो इसमें- प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रॉ, कप, प्लेट्स, फूड पैकजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, गिफ्ट रैपर्स और कॉफी के डिस्पोजेबल कप्स आदि शामिल हैं.

बता दें कि हर साल 300 मिलियन टन प्‍लास्टिक प्रोड्यूस होता है. इसमें से 150 मिलियन टन प्‍लास्टिक सिंगल-यूज होता है. यानी ये प्‍लास्टिक हम एक बार इस्‍तेमाल कर फेंक देते हैं. वहीं दुनियाभर में सिर्फ 10 से 13 फीसदी प्‍लास्टिक री-साइकिल हो पाता है.