NOIDA Authority has failed to civic provide services.

भ्रष्टतम व बदतर होती नोयडा की व्यवस्था

NOIDA Authority has failed to provide services.
NOIDA Authority has failed to provide services.

नोयडा में नए CEO के आने के बाद लगा था की नोयडा की व्यवस्था में सुधार आएगा क्योकि नोयडा की नई सीईओ ऋतू महेश्वरी की साख ही कुछ ऐसी थी की अब नोयडा के दिन सुधरेंगे पर लगता हैं ऋतू महेश्वरी भी नोयडा अथोरिटी के भ्रष्ट तंत्र के आगे हताश हो चुकी हैं|

आज नोयडा उत्तर प्रदेश का सबसे चमकता व विकसित क्षेत्र हैं व रोजगार के मामले में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सबसे आगे हैं| लेकिन नोयडा के भ्रष्ट प्रशासन व कुव्यवस्था के कारण लोग यंहा से विमुख होते जा रहे हैं|

जैसे की नोयडा प्राधिकरण ने टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ एक समझोता किया हैं जिसके अंतर्गत वह नोयडा की 74 हजार स्ट्रीट लाइट को LED लाइट्स में बदलेगा व इसके बदले नोयडा प्राधिकरण को बिजली की बचत से 60% का फायदा होगा। संधि के तहत उस फायदे का 10% नोयडा प्राधिकरण रखेगा व 50% टाटा प्रोजेक्ट्स को दिया जाएगा। समझौते के तहत एक वित्त वर्ष में टाटा प्रोजेक्ट्स नोयडा की सारी 74 हजार लाइट बदलेगा| इससे टाटा प्रोजेक्ट्स को 7 सालो में लगभग 253 करोड़ रुपया मिलेगा|

क्योकि लाइट बचत का 50% नोयडा टाटा प्रोजेक्ट्स को मिलेगा इसलिए कंही ऐसा तो नहीं हैं की टाटा को फायदा पहुचाने के लिए कई क्षेत्रो को जान बूझकर अँधेरे में रखा जाता हैं। क्योकि स्ट्रीट लाइट बंद होने के बारे में कई बार नोयडा प्राधिकरण के विधुत विभाग में अधिकारी को अनेको बार व्हात्सप से जानकारी दी जा चुकी हैं लेकिन अभी तक नोयडा सेक्टर 63 के A व B ब्लाक की स्ट्रीट लाइट जो पिछले दो हफ्तों से बंद पड़ी हैं उसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं। हमारे अनुमान से यह कम से कम 100 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स होंगी|

माना कि एक स्ट्रीट लाइट 100 वाट की हैं और वो 100 लाइट दिन में 11 घंटे जलती हैं तो एक दिन का बिजली का खर्च 110 यूनिट आता हैं। अगर यह लाइट्स पूरे 2 हफ्तों से नहीं चल रही हैं तो इसका मतलब 1540 यूनिट की बचत हुई और इसमें से 770 यूनिट का फायदा टाटा पॉवर को हुआ ओर जब लाइट जली ही नहीं तो रखरखाव की भी बचत|

सेक्टर 62 के B ब्लाक में कुछ दिन पहले एक LED लाइट तारो पर लटक गयी थी जिसकी शिकायत हमारे प्रतिनिधि द्वारा की गयी थी ताकि हवा के तेज बहाव में स्ट्रीट लाइट नीचे गिरकर किसी को चोटिल ना कर दे| लेकिन उस स्ट्रीट लाइट को ठीक करने की बजाय टाटा प्रोजेक्ट वाले उखाड़कर ले गए और आज वो बिजली का खम्बा बिना स्ट्रीट लाइट के लगा हुआ हैं व इससे होने वाली बचत से कंपनी को ही फायदा होगा|

सेक्टर 62 में एक गाँव हैं रसूलपुर नवादा, जन्हा बिजली वितरण के लिए एक सब स्टेशन बना हैं व जब भी बारिश आती हैं तो बिजली विभाग उस क्षेत्र की बिजली को काट देता हैं। जानकारी लेने पर पता चला की स्टेशन से जो तारे वितरण के लिए जा रही हैं वो नाले के अन्दर से जा रही हैं। करंट ना फैले इस डर से बिजली विभाग क्षेत्र की बिजली काट देता हैं| अगर आज के समय में विभाग की यह हालत हैं तो आप समझ सकते हैं नौकरशाही अकर्मण्यता से पूरी तरह जकड़ी हुई हैं व कुछ हाथ इसमें भ्रष्टाचार का भी हैं|

यह तो कहानी सिर्फ बिजली विभाग की थी जहा पर ज्यादातर हिस्सा निजी हाथो में जा चूका है| पानी से सम्बंधित समस्या भी कुछ कम नहीं हैं| यह बात अच्छी है की नॉएडा में पानी की कोई कमी नहीं हैं| लेकिन इसी अच्छाई ने अधिकारियो को निकम्मा व लापरवाह बना दिया हैं| लोग भूमिगत जलाश्यो में खुलेआम सालों से कपडे व गाडिया धो रहे हैं|

हालात तो यह है कि कई जगह तो पीने का पानी नाले के अन्दर ही बह रहा हैं व यही रिसाव पानी को दूषित भी कर रहा हैं लेकिंन कई बार नोयडा प्राधिकरण के अधिकारी श्री पोखरियाल को फ़ोन करके व व्हात्सप्प पर विडियो भेजने के बाद भी आज दो माह बीत चुके हैं पर कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं| इन अधिकारियो की इतनी भी चिंता नहीं हैं की यह दूषित पानी लोगो के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर सकता हैं| कई जगह तो हजारो लीटर पीने का पानी लगातार बहता रहता हैं जिसकी सूचना कई बार अधिकारियो को दी जा चुकी हैं लेकिन कार्यवाही आजतक नहीं हुई|

Water contamination in Noida Sector 63/62.
Water contamination in Noida Sector 63/62.

नाली व सीवर की व्यवस्था तो राम भरोसे ही हैं क्योकि अधिकारी SC/ST कानूनों के दबाव में हैं अधिकतर कर्मचारी तो काम पर आते ही नहीं हैं| रसूलपुर नवादा की हालत तो बहुत बुरी हैं जो आज गाँव कम नौकरी पेशा महिलाओ के लिए आश्रयस्थल ज्यादा हैं| लेकिन इस क्षेत्र की नालिया व सीवर हमेशा भरे रहते हैं। उसका पानी नाली कम रोड पर ही ज्यादा रहता हैं जिसके कारण मानव मल भी रोड पर बहता रहता हैं| इससे गांव में मच्छरों का भयंकर प्रकोप है ओर यह कभी भी महामारी का रूप ले सकता हैं।

Sewer & Drain overflow due to carelessness of Noida Authority.
Sewer & Drain overflow due to carelessness of Noida Authority.

ऐसा नहीं हैं की यह हालत सिर्फ रसूलपुर नवादा की हैं सीवर बहाव की यही हालत मल्टी नेशनल कंपनियों के ऑफिस के बाहर की भी हैं| बी ब्लाक में ही एक ओकाया नामक बिल्डिंग हैं जन्हा पर HP, TCS, Kornos  और ना जाने कितनी विश्व विख्यात कंपनियों का कार्यालय हैं जंहा प्रवेश पर ही सीवर का पानी पिछले 4 हफ्तों से बह रहा हैं| जब हमारे प्रतिनिधि ने अधिकारियो से बात की तो बताया गया की सुविधा शुल्क ना जमा कर पाने के कारण अभी तक सीवर का पानी बह रहा हैं| अब आप समझ ही सकते है कि सुविधा शुल्क क्या होता हैं।

Okaya Center, Sector 62, Noida
Okaya Center, Sector 62, Noida

सेक्टर 62 में नालियों को जानबूझकर ऐसे जगहों से तोडा गया हैं जहा पर खानपान की दुकाने हैं या फिर बी ब्लॉक् मार्किट में गाद को निकालकर वही छोड़ दिया है ताकि दुकानदारों से वसूली की जा सके| जबकि सेक्टर 62 की सोसाइटी के आसपास के नालो को हाथ तक नहीं लगाया| जब नोयडा प्राधिकरण के अधिकारी श्री मिश्रा जी को शिकायत की गयी तो वो लोग आये और श्रम्दीप अपार्टमेंट में लोगो को बोलकर चले गए की सफाई होगी तो उनका स्लेब तोडना पड़ेगा और नोयडा प्राधिकरण के काम काज से वाकिफ लोगो ने सफाई के लिए साफ़ मन कर दिया|

Mithaas at B Block, Sector 62, Noida
Mithaas at B Block, Sector 62, Noida

यह नॉएडा अथॉरिटी के कर्मचारियों की मनोदशा को दर्शाता हैं की वो क्या चाहते हैं? अधिकारी कुछ कहने से डरते हैं क्योकि अगर ज्यादा दबाव डाला गया तो वो SC/ST एक्ट में उन्हें प्रताड़ित भी कर सकते हैं|

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